10 सेजे च़ौबीष अगुऐ सिंगाँस्हणों गाशी बईठणों वाल़े के सहाँम्णें लाँम्बे पसरियों, आप्णें-आप्णें ताज-मुँकुट तिनखे स्मर्पित करियों तिनकी आरार्धना करह्।
तेसी घर दे दाखिल हऐयों तिनिऐं सेजा बालक तेस्की माँ, मरियम की गईलो दे:खा, अरह् तिन्ऐं ऊद मुँऐं लाम्बे पसरियों तेसी बालक खे नंमष्कार करी, अरह् तबे तिनिऐं आप्णें झुल़ै खलियों आप्णें किम्त्ती तुफे सुनों, लोबाँन, अरह् गन्धरंस-सैंन्ट, तेस्खे भेंट चड़ाऐ।
तबे खास-चैले प्रभू यीशू के अरार्धना करियों, बैजाऐ आँनन्द-खुशी आरी पाछ़ू यरूशलेम खे आऐ।
परह् हाँव जू किऐ भे असो ऐ, से पंणमिश्वर की कृपा शा असो; तिनकी कृपा जू मुँह गाशी हऐ से बै-कार ने गई; परह् मुँऐं तिनू सोभी शी जादा मेंह्न्त भे करी; तबे भे मेंह्न्त कर्णो वाल़ा हाँव ने परह् पंणमिश्वर असो, जिनकी कृपा मेरी गईलो रऐ।
अरह् जू ज़ूगौ-ज़ूगौ तोड़ी जीऊँदा असो, अरह् जेने स्वर्ग अरह् जुण्जो किऐ ईन्दो असो, अरह् धर्ती को जू किऐ ईन्दो असो, अरह् संमुन्द्रो को जू किऐ ईन्दो असो, सेजो बाँणों सिर्जो, तिन्दें की षौ खाऐयों बुलो, “ऐबे तअ हजो देर ने हंदी।
तबे चौबीष अगुऐ जू पंण्मिश्वर के सहाँम्णें आप्णें-आप्णें सिंगाँस्हणों गाशी बईठे अंदे थिऐ, से उटमुँल़े खे लाँम्बे पसरियों पंण्मिश्वर के आरार्धना कर्दे लागे।
“हे प्रभू, कुँण असो: जेस्दी तुँओं खे श्रदा ने हों, कुँण असो, तुँवाँरी बड़ियाऐ ने करह्? सिर्फ तुँऐं ही पबित्र असो, बादी संईसारी की जात्ती आऐयों तुवाँरे नाँव शे आप्णें घून्डु नाऐयों प्रणाँम कर्ले; किन्देंखे के तुवाँरे नियाँव के काँम-काज़ पर्गट हऐ रंई।”
तबे तिनू चौऊँ जींव मुझ्शे ऐकिऐ तिनू सात्त स्वर्गदूत्त पंण्मिश्वर खे, जू ज़ूगौ-ज़ूगौ तोड़ी जीऊँदा असो, तेस्के रोष शे भरे अंदे सुन्नें के सात्त बैलुऐ दिते;
तबे चौबीषो अगुऐ अरह् चौऊँ जींव ऐ पंण्मिश्वर के सहाँम्णें जुण्जे सिंगाँस्हणों गाशी बंईठे अंदे थिऐ तिनखे लाम्बे पसरियों प्रणाँम करियों अरार्धना कर्दे लागे: “आमीन! हाल्लेलूय्याह!”
हाँव तैख्णीं पबित्र-आत्त्मा शा भरा गुवा, अरह् मुँऐं का देखो, के ऐक सिंगाँस्ण स्वर्गो दो थऐ थुओ, अरह् तेसी सिंगाँस्हणों गाशी कुँऐं बऐठी रूआ।
तेसी सिंगाँस्हणों के चौऊँ ढबे च़ौबीष सिंगाँस्ण असो; अरह् तिनू सिगाँस्हणों गाशी च़ौबीष अगुऐ लोग चींट्टे खोट्णों बाँम्बियों बईठे अंदे असो, अरह् तिन्के मुँढो गाशी सुन्नें के मुँकुट-ताज असो।
जबे-जबे सेजे जींव तेस्की जुण्जा सिंगाँस्हणों गाशी बईठा अंदा थिया, अरह् जू ज़ूगौ-ज़ूगौ जीऊँदा असो, बड़ियाऐं अरह् आदर अरह् धन्यबाद करूबे;
अरह् चारे जींव ऐ आमीन बुलो, अरह् तिनू अगुऐ लाँम्बे पसरियों तिनकी आरार्धना करी।
जबे तेने सेजी कताब ऊँडी करी पाऐ, तअ सेजे चारे जींव अरह् च़ौबीष के च़ौबीष अगुऐ तेसी छ़ैल़्टे के सहाँम्णें लाँम्बे पसरे। तिनके ऐकी नाँव के हाथों दी रंणशिंगे-कनाँल़ी थी, अरह् धूप, जू पबित्र लोगों की प्रार्थना ऐ असो; से भरे अंदे सुन्नें के बैलुऐ थिऐ।
अरह् बादे स्वर्गदूत्त तेसी सिंगाँस्ण अरह् अगुऐ चौऊँँ जींव के चौऊँ ढबे खह्ड़े असो; तबे से सिंगाँस्ण के सहाँम्णें उट्मूल़े लातो गाशी पड़े अरह् पंण्मिश्वर के आरार्धना करियों बुलो,