प्रकाशितवाक्य 3:4 - Sirmouri4 परह् होर, सरदीस नंगर दे तेरे जागे दे किऐ ऐष्णें लोग असो, जिन्ऐं आप्णे-आप्णे खोट्णों अशुद्ध गाँन्दे ने करी थई, अरह् से चीट्टे खोट्णों बाँम्बियों मेरी गईलो रिट्ले-फिरले, किन्देंखे के से ईन्देंखे ज़ुगे असो ऐ। အခန်းကိုကြည့်ပါ။सिरमौरी नौवाँ नियम4 पौरौ सरदीस शहर दै तोंवारै बीच किछै ही लोग औसौ, जू पाप शै अशुध्द ना हौए रैई, सै शुध्द चिटै लुस्कै बाम्बैयौ मैरै साथै चालदै, जिथुकै सै इथ लायक औसौ। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
ईन्दें पाछी मुँऐं झ़ेठ पाऐ, अरह् देखो, के मेरे सहाँम्णें ऐक बैशुमाँर बड़ी लोगो की भीड़ जल़सा खह्ड़ा हुआ, जिन्दें की गिनती कुँऐ ने करी पाँव थिया। ऐसी जल़्से भीड़ मुँझी हर ऐक जात्ती मुँझ शे अरह् हर कुँल़-गड़ी अरह् हर भाषा के लोग थिऐ। से तेसी सिंगाँस्ण के सहाँम्णें तेसी छ़ैल़्टे कैई खह्ड़े हुऐ, चिट्टे खोट्णों बाँम्बियों आप्णें हाथों दी खंजूर की डाल़ी लऐयों आऐ,