प्रकाशितवाक्य 3:2 - Sirmouri2 शुझ़ी दा आ, अरह् तिनू चींजो जू ऊकी रंऐ रंई अरह् जू खंत्त्म हंदी, तिनू पाक्की-अट्ल़ करह्; किन्देंखे के मुँऐं तेरे कुँण्जे ही काँम-काज़ पंण्मिश्वर की नंजीक पुरे हुऐ अंदे ने देखी। အခန်းကိုကြည့်ပါ။सिरमौरी नौवाँ नियम2 इथकारिए जागै जा! मुं पांदी तैरा जू किछै भरोसा बाकी रोए रौआ, सैजा मोजबूत कौरौ, ताकि ऐजौ पूरी तरह शै खत्म ना हौए जांव। हांव जाणुए कै तैरी कमी बैजाए बौड़ै औसौ जिथुकै जू तुऐं कौरे लो पौरमेशवर तिंदा खुश ना आथी। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |