प्रकाशितवाक्य 3:1 - Sirmouri1 “सरदीस नंगर की कलीसिया के दूत्त खे ऐजो लिख: “जेस कैई पंण्मिश्वर की सात्त आत्त्मा अरह् सात्त तारे असो, से ऐजो बुलो के हाँव तेरे काँम-काज़ जाँणू ऐ: ताँव्खे जीऊँदा तअ बुली ऐ, परह् तू असो ऐ मँरा अँदा। အခန်းကိုကြည့်ပါ။सिरमौरी नौवाँ नियम1 सरदीस शहर कै कलीसिया कै स्वर्गदूत खै ऐजा सौंदेश लिख: ऐजा सौंदेश तैसकै ढौबौशा औसौ जू सात तारै खै आपणै हाथौ दै लैयौ राखौ औरौ जू पौरमेशवर कै सात आत्माओं खै भैजौ, ऐजौ बौल़ौ कै, हांव तैरै कामौ खै जाणुए, कै तू मुं दा बिशवाश लायक बिशवाशी लागै तौ औसौ, पौरौ सौथीखै तू ऐबै मैरै पौछौड़ियौ ना चालै। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
हाँव ऐजो जाँणू ऐ, के तू तेथै रंऐ, जेथै शैतान को सिंगाँस्ण असो; तू मेरे नाँव गाशी पाका अट्ल़ रूऐ, अरह् मुँह गाशी बिश्वाष कर्णो शा तिनू देसो दा भे पाछू ने फिरे, जिनू मुँझी मेरा बिश्वाष ज़ूगा, भाऐ अन्तिपास जू तुवाँरे बीचो दा तेसी जागा दा मेरी खुषख्बरी शुँणाँणों के कारण माँरा गुवा जेथै शैतान आप्णों राज करह्।