प्रकाशितवाक्य 22:3 - Sirmouri3 ऐबे शुभा तेथै कुछ भे श्राप-फिटकारा ने हंदी, किन्देंखे के पंण्मिश्वर अरह् छ़ैल़्टे को सिंगाँस्ण तेसी नंगर दो ही हंदो, अरह् तिनके दास-दासी तिनकी आरार्धना कर्दे। အခန်းကိုကြည့်ပါ။सिरमौरी नौवाँ नियम3 जैसी कोसी आदमी या चीज़ौ पांदी पौरमेशवर का शराप औसौ सैजै शहर दै ना हौन्दै। पौरमेशवर औरौ मेम्ने का सिंहासन शहर दा हौंदा, औरौ तैसकै सेवक तैसकै सेवा कौरदै। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
ईन्दें पाछी मुँऐं झ़ेठ पाऐ, अरह् देखो, के मेरे सहाँम्णें ऐक बैशुमाँर बड़ी लोगो की भीड़ जल़सा खह्ड़ा हुआ, जिन्दें की गिनती कुँऐ ने करी पाँव थिया। ऐसी जल़्से भीड़ मुँझी हर ऐक जात्ती मुँझ शे अरह् हर कुँल़-गड़ी अरह् हर भाषा के लोग थिऐ। से तेसी सिंगाँस्ण के सहाँम्णें तेसी छ़ैल़्टे कैई खह्ड़े हुऐ, चिट्टे खोट्णों बाँम्बियों आप्णें हाथों दी खंजूर की डाल़ी लऐयों आऐ,