प्रकाशितवाक्य 22:18 - Sirmouri18 हाँव ऐक नाँम खे, जुण्जा ईयों कताबे की बरंम्बाँणीं की बातो शुँणों, हाँव तिनू सोभी खे ऐजीं चिताँव्णीं देंऊँ, के जे कुँऐ ईन्दें मुँझ़्शो किऐ भे छ़ुड़्ला तअ पंण्मिश्वर ईयों कताबी दी लिखीं अंदी बादी बिबत्ती-ओब्ल़ी तेसी गाशी पाड़ी देला। အခန်းကိုကြည့်ပါ။सिरमौरी नौवाँ नियम18 हांव यूहन्ना सौबी आदमी कै चैतावणी दियु जू इनु बातौ कै बारै मुंजी सौंदेश कै शुणुए जू इबी हौन्दी लाग रौई औरौ आणौवाल़ै सौमय दी हौन्दी, जू मोऐं इयौं किताबो दी लिख रैई: जै कुणिए बै इनु सौंदेश मुंजीदौ किछै बै बौढ़ाव, तौ पौरमेशवर तोंवारै सौजा कै बौढ़ाए दैंदा। सै तुऔं तिनु पौरैशानी शै मारदा जिथकै बारै मुंजी मोऐं इयौं किताबो दौ बौताए राए। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
सेजो बुँणेंर, अरह् तेस्की गईलो सेजे झूठे ऋषी, थाँम्बड़े गुवे, जेथू ऐ तेसके सहाँम्णें संईसारी दी ऐशी चींन-नींषाणीं देखाऐ थी, जिन्दे के जाँणें तेने तिनू भरंमाँऐं-दुरंताँऐ जिनू गाशी तेथू बईच़ीं की छाप-मुँहर थी, अरह् जुण्जे तेथू बुँणेर की पूजा करह् थिऐ। तिनू जीऊँदे ही तियों आगी की झील नंरक दे, जू गंन्धक शी जल़्दी रंह्, तिनू बादे तिन्दें पाऐ गुऐ।