प्रकाशितवाक्य 22:14 - Sirmouri14 “भागोईंत्त असो! सेजे जिन्ऐं आप्णें चाल-चल्ण के खोट्णों जिऐ धूई पाँऐ; किन्देंखे के से जीवन के डाल़ो के हंकदार, अरह् से कुवाड़ो बाटी सुऐं करियों तेसी नंगर दे हाजीर हंदें। အခန်းကိုကြည့်ပါ။सिरमौरी नौवाँ नियम14 धन्य औसौ सैजै, जिनुवै आपणै लुस्कै कै मेम्ने कै लोऊ लैई धोए राए, औरौ इथकारिए तिनु शहर दा फाटको मुंजीदै हौयौ जाणौ का औरौ जीवन कै डाल़ो शै फल़ खाणौ का अधिकार हौंदा। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |