प्रकाशितवाक्य 21:27 - Sirmouri27 किऐ भे अ-शुद्ध-गाँन्दी चींज, ऐसी नंगर दी ना तअ दाखिल हऐ सक्दी; अरह् ना सेजे लोग जिनका सभाव बिचका, अरह् शंगाँव्णा हों, अरह् जिनकी बातो झूठों लई भरी अंदी हों; ईन्दें सिर्फ सेजे ही लोग हाजीर हऐ सको, जिन्के नाँव छ़ैल़्टे के जीवन की कताबी दे लिखें अंदे हले। အခန်းကိုကြည့်ပါ။सिरमौरी नौवाँ नियम27 पौरौ कुणिए बै जू अपवित्र औसौ या सैजै लोग जू बैकार काम कौरौ औरौ झूठ बौलणौ वाल़ै कै बिल्कुल बै तैसी शहरो दै रौणौ कै इजाज़त ना आथी। तैसी शहरो दै सैजैई लोग रोए सौकौ जिनकै नांव मेम्ने कै जीवन कै किताबो दै लैखै राखै। ऐजी सैजी किताब औसौ जिन्दै तिनु लोगौ कै नांव लिखी राए जिनुकैईं हमैशा कै जिन्दगी औसौ। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |