प्रकाशितवाक्य 19:12 - Sirmouri12 तेस्की आँखी आगी के लहयारें असो, अरह् तेस्की मुँढों गाशी बैजाऐ राज मुँकुट-ताज असो। जिन्दे गाशी ऐक नाँव लिखी थो, जेसी तेसके सुवाऐ ओका कुँऐं ने जाँण्दा। အခန်းကိုကြည့်ပါ။सिरमौरी नौवाँ नियम12 तैसकी आखी आगी कै लौयारै कै जैशणी चोमकदार थी, औरौ तैसकै मुंडो पांदी बौहितै मुकुट लाए राए थिए। औरौ तैसकौ ऐक नांव तिथपांदी लैखयौंदो थियु, पौरौ सिरफ सैजाई तैसी नांव का मतलब जाणौ थिया। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |