प्रकाशितवाक्य 19:1 - Sirmouri1 ईन्दें पाछी मेरे स्वर्गो दी ऐक बड़ी धाव शुँणाँई पड़ी, जेष्णी लोगों के ऐक बैशुमाँर भीड़ जल़्से का रूप धारियों रूल़ेपाड़ियों साथी बुल्दे लागे: “हाल्लेलूय्याह! मुँक्त्ति बड़ियाऐं अरह्, शक्त्ति अमाँरे पंण्मिश्वर के ही हों। အခန်းကိုကြည့်ပါ။सिरमौरी नौवाँ नियम1 जोबै बलवान स्वर्गदूतै बौल़ाणौ खत्म कौरौ, मोऐं जू शुणु सै ऐशैकै थियु जैशै स्वर्ग दै बौहितै सारै लोगै गाए लौ हौल़ौ, “हालेलुय्याह! मोक्ति, औरौ महिमा, औरौ अनौखी शौकतै अमारै पौरमेशवर का ही औसौ। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
तबे मुँऐ कोसी स्वर्गो दा ऐजी घोष्णाँ जुराल़ी कर्दे शुणाँ: “ऐबे अमाँरे पंण्मिश्वर का छ़ुट्कारा मुँक्त्ति अरह् राज अरह् मसीया का हंक-अधिकार पर्गट हंऐ गुवा। किन्देखे के अमाँरे भाऐ-बंईणों गाशी दोष-कसूर लाणों वाल़ा, जुण्जा रात्ती-देसो अमाँरे पंण्मिश्वर के सहाँम्णें तिनू गाशी दोष-कसूर लाँव थिया तेसी ऐबे ऊदा फ़ेरकाऐ पाया।