प्रकाशितवाक्य 18:20 - Sirmouri20 आँन्दित्त हों: ‘हे स्वर्गो! आँन्दित्त हों, हे पबित्र लोगो! खास-चैले अरह् ऋषियों! किन्देंखे के पंण्मिश्वर ऐ तिन्खे तुँवाँरी गईलो, करे गुऐं बुरे बरताव कर्णो खे सजा देऐ थंऐ।’” အခန်းကိုကြည့်ပါ။सिरमौरी नौवाँ नियम20 तुऐं जू स्वर्ग दै रौंव, ओए रै पौरमेशवर कै लोगौ! चोणेयौंदे चैलै औरौ पौरमेशवर कै बातौ बौताणौवाल़ै! इथ बारै मुंजी बैजाए खुशी मौनांव, जिथुकै पौरमेशवरे बाबेल शहर पांदी आपणा न्याय भैजै राए, तिनु बुराई कै बौजैह जू तिनुऐ तोंवारै साथै कौरे राए। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
ईन्देंखे हे स्वर्ग; अरह् ईन्दें रंहणों वाल़े लोग, आँनन्द-खुशी मंनाँऐयों अरह् मंगन हऐ ज़ाव! परह् फ़िट्कारा असो, ईयों धर्ती, अरह् समुँन्द्रों खे; किन्देंखे के ऐ ऐजो जाँणीं पाँव के तुवाँरा बंख्त्त हजो ठीका ही असो, किन्देंखे के शैतान तुओं तोड़ी पंह्ऊँचीं गुवा, अरह् से बैजाऐ रोषै शा भरी गुवा, किन्देंखे के तेस कैई ऐजा पता लागी गुवा, के ऐबै मेरा बंख्त्त ठींका ही असो।”