प्रकाशितवाक्य 15:5 - Sirmouri5 ईन्दें पाछी मुँऐ देखो, के स्वर्गो दो गुवाह्-शाज़्त्त के ताँम्बू की देऊँठी खुली गऐ; အခန်းကိုကြည့်ပါ။सिरमौरी नौवाँ नियम5 इथकै बाद मोऐं दैखौ, कै स्वर्गो दौ इनु लोगै गीत गाणौ बन्द कौरे दियु, तोबै मोऐं दैखौ कै मन्दिर खोलेयौंदो थियु। जू कै मिलापवाल़ै तोम्बू साए औसौ। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अरह् ऐजे याजकों सेजे असो, जुण्जे दाँणिक स्वर्गो की चींजों खे, अरह् दाँणिक ताँम्बू खे, अरह् दाँणिक ही आरार्धना करह्; किन्देंखे के ऋषी-मूसा जबे तेसी ताँम्बू बाँण्णों वाल़ा थिया, तअ पंण्मिश्वर कैई शी तेस्खे ऐजी चिंताँव्णी देऐ गंऐ थी; के “ऐजा ध्याँन थुऐ, के तुऐं ताँम्बू ठीक-ठीक तेष्णाँ ही बाँणें; जेष्णाँ के ताँव कैई शा धारह् गाशी देखाया गुवा थिया।”