प्रकाशितवाक्य 13:8 - Sirmouri8 धर्ती के सेजे बादे रंहणों वाल़े, तैथू बूणेर के पुजा करह्, जिनके नाँव माँरे अंदे छ़ैल़्टे के जीवन की कताबे दे संईसारी की उत्पत्ति के बख्तो शे ऊँबे लिखे अंदे ने आथी। အခန်းကိုကြည့်ပါ။सिरमौरी नौवाँ नियम8 धोरती पांदी रौणौवाल़ै सौबै लोग तैसकै पूजा कौरदै लागै। सिरफ तिनु लोगै तैसकै पूजा ना कौरी जिनकै नांव दुनिया कै बाणै जाणै शै आगै ही जीवन कै किताब दै लिखै राए थै। ऐजी जीवन कै किताब तैसी मेम्ने कै किताब औसौ जैसी बलिदान कै रुप दै मारै गौआ थिया। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
जुण्जों बुँणेंर तुँऐं देखो, से आगे तअ थियों, परह् ऐबे ने से आथी, अरह् अथाह् कुँड शो नीक्ल़ियों नाँष दो पड़्दो, अरह् धर्ती दे रंहणों वाल़े जिनके नाँव संईसारी की उत्पत्ति के बख्त्तो शे जीवन की कताबे दे लिखी ने थई, से ऐथू बुँणेंर की ऐजी दंषा देखियों, के आगे थियों अरह् ऐबे ने आथी, अरह् से हजो आँदों, तबे तिनके तोरबाँण च़ूट्दे।
तेष्णीं ही मुँऐं बादी संईसारी-स्वर्गो दी, ईयों धर्ती थाँई पताल़ो दी, संमुन्द्रो अरह् तिन्दी बंसी अंदी बादी सिर्जी-बंणाई अंदी चींजो दी, अरह् सब-कुछ जुण्जो किऐ तिन्दो असो, तिनू ऐजो बुल्दे शुँणों: “छ़ैल्टे का अरह् सिंगाँस्हणों गाशी बईठा अंदा असो, स्त्तुति, आदर, बड़ियाऐ, अरह् हंक-अधिकार, सदा-सदा हंदा रंह्!”