प्रकाशितवाक्य 13:4 - Sirmouri4 लोगें तेसी पाँखों वाल़े अजंगर के पूजा करी, किन्देंखे के तेने तैथू बुँणेंर खे आप्णा हंक-अधिकार देऐ थुवा थिया, अरह् ऐजो बुलियों तैथू बुँणेंर के पूजा करी, के “ऐथू बुँणेंर जेष्णों कुँण असो? ऐथू आरी कुँण लड़ी सको?” အခန်းကိုကြည့်ပါ။सिरमौरी नौवाँ नियम4 सौबी लोगै अजगर कै पूजा कौरे जिथुकै तैणै तैसी राकस खै औधिकार दैय राखा थिया, तिनुऐ तैसी राकस कै बै पूजा कौरे। तिनुऐ बौल़ौ, “कुणिए ओका तैसी राकस कै जैशणा शौकतीशाली ना आथी। कुणिए बै तैसीआरी लोड़े ना सौकौ।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
तेने बड़े अजंगर ऐ अस्माँनों शे ऐक च़ीज़ा हिस्सा तारे आप्णी लेंघह् लई, मेंठियों धर्ती गाशी फेरकाऐ दिते, अरह् तबे सेजा पाखों वाल़ा अजंगर तियों तिरंई के सहाँम्णें, जियाँरें नहाँन्ड़िया हंणों वाल़ो थियों, खड़ा हुवा, के जेई ईयों तिरंई के नहाँन्ड़िया पय्दा हंलो, तेई हाँव ईयाँरों सेजो नहाँन्ड़िया साबुत ऊँदो घुटी पाँऊबा।