प्रकाशितवाक्य 13:14 - Sirmouri14 तिनू चींन-नसाँणी के जाँणें, जिनू तेथू बुणेंरों के जिऐ देखाणों का हंक-अधिकार थिया सेजा तेथ्खे दिया गुवा, से धर्ती दे रंहणों वाल़े भरमाँव थिया, अरह् धर्ती दे रंहणों वाल़े खे बुलो थिया, के जेसी बुणेंरो दी तरवारो की लागी रंऐ थी, सेजो ऊबो जीऊँदो हऐ रूवो, तेथ्की मुर्ती बाँणों। အခန်းကိုကြည့်ပါ။सिरमौरी नौवाँ नियम14 बैजाए सारै लोग औकै राकस कै तिनु अनौखै कामौ शै चकित हौयौ धौखा खाया जू सै आगलै राकस कै शौकतै शै दिखांव थिया। दूजै राकसै लोगौ खै बौल़ौ कै सै तैसी आगलै राकस कै पूजा कौरणौ कारिए मूर्ति बाणौ, जू हथियार शै घायल हौए गौआ थिया, पौरौ औटेयौ ठीक हौए गौआ थिया। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
तबे मेरे ऐशो जाँणियों जेष्णों मुँऐ ऐक काँचों का ढाब देखी लुवा, जिन्दी आग जैऐ मिलाऐ थंऐ, मुँऐं तेसी कुँड की टिराँव्टी गाशी तिनू खड़े देखे; जिन्ऐं तेथू खराब-माँरकुट बुँणेंर अरह् तेथ्की मुँर्ति अरह् तेथ्को नाँव की गीनती गाशी जीत्त पाऐ थंऐ थी, अरह् तेस्की हाथों दी पंण्मिश्वर के जाँणें देऐ गऐ ऐक कनाल़ भे थी।
सेजो बुँणेंर, अरह् तेस्की गईलो सेजे झूठे ऋषी, थाँम्बड़े गुवे, जेथू ऐ तेसके सहाँम्णें संईसारी दी ऐशी चींन-नींषाणीं देखाऐ थी, जिन्दे के जाँणें तेने तिनू भरंमाँऐं-दुरंताँऐ जिनू गाशी तेथू बईच़ीं की छाप-मुँहर थी, अरह् जुण्जे तेथू बुँणेर की पूजा करह् थिऐ। तिनू जीऊँदे ही तियों आगी की झील नंरक दे, जू गंन्धक शी जल़्दी रंह्, तिनू बादे तिन्दें पाऐ गुऐ।