प्रकाशितवाक्य 11:6 - Sirmouri6 तिन कैई हंक-अधिकार असो, अस्माँन बंद कर्णो का, के तिनकी बरंम्बाँणीं के देसो दो पाँणीं ने आँव; अरह् तिनका बादे पाँणी गाशी हंक-अधिकार असो, के तिन्दें को लह्ऊँ बंणाव, अरह् जबे-जबे चहाँव तबे-तबे धर्ती गाशी साँत्त-भाँत्ती बिब्त्ति पाँणों के शँक्त्ति तिन कैई असो। အခန်းကိုကြည့်ပါ။सिरमौरी नौवाँ नियम6 तिनु औधिकार औसौ कै गौयण खै बंद कौरौ, कै तिनकी हौणौवाल़ी बातौ कै दूसौ दै बादल़ ना बौरशो, औरौ तिनुखै सौबी पाणी पांदी औधिकार औसौ कै तिथु लोऊ बाणौ, औरौ जोबै-जोबै चांव तोबै-तोबै धोरती पांदी कैई किसम कै मुसीबत लेयालै। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |