प्रकाशितवाक्य 1:18 - Sirmouri18 हाँव जीऊँदी असो; हाँव मँरी गुवा थिया, परह् ऐबे देखो, हाँव ज़ूगौ-ज़ूगौ तोड़ी जीऊँदा असो; अरह् मंऊँत्ती अरह् अंधलोक की ताल़ी-कुँन्जी मेरे हंक-अधिकार दी असो। အခန်းကိုကြည့်ပါ။सिरमौरी नौवाँ नियम18 हांव एकबेई मौरे गौआ थिया पौरौ ऐबै हांव जियुंदी औसौ औरौ हांव हमैशा जियुंदी रौंदा। दैख हांव युग-युग जियुंदी औसौ; मुंकैई मौत औरौ पताल़ की चाबी औसौ।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
आँमें आप्णीं नंजर प्रभू यीशू दे थंह्, जुण्जे अमाँरे बिश्वाष के अगुवाल़ असो, अरह् सिद्ध कर्णो वाल़े असो; जिन्ऐं तेसी आँनन्द खे जुण्जा तिनखे आगे ही बंणाँऐ थुवा थिया; अरह् तिन्ऐं आप्णीं बैस्त्ति का किऐ भे फीकर ने करी, अरह् सेजी शुँल़ी-फ़ाँशी की मंऊँत्त संह्ऐन करी; अरह् पंण्मिश्वर के सिगाँस्णों के सुऐं ढंबै बंईठी गुऐ।