44 अरह् जिन्ऐं रोटी खाई, से किऐ पाँच हजार मरोद् ही थिऐ।
44 जिनुवै रोटी खाई, सै पाँच हजार मौरोद थिए, औरौ तिनुऐ बैटमाणिशौ औरौ नानड़िया कै गिनतै ना की।
अरह् खाणों वाल़े तिरोंई अरह् नहाँन्ड़िया के सुवाऐ पाँच हजार मरोद् के ऊँडे-पूँडे लोग थिऐ।
तैख्णी ही मसीया ऐ आप्णे चैले जूँरें नाँव गाशी बंईठाल़ियों झील शे पाँडे पाईले ढबे खे डियाल़े जेथै खे बैतसैदा बुली तेथै पंईचणों खे बिदा करे, अरह् तिन्ऐं आपु लोगों के भीड़ बिदा करी लऐ थी।