32 ईन्दें खे से नाँव दे बऐठियों ज़ई ऐक शुन-शाँन जागा दे हुटे।
32 इथकारिए सै किश्ती पांदी जाऐबा, शुनशान जौगैह दै इकली हौटै गौवै।
प्रभू यीशू ऐ आप्णे चैले खे बुलो के, “लोगो की ईयों बड़ी भीड़ो के दबावे के कारण मुँखे ऐक नहाँन्ड़ी नाँव तियार थुऐ, जू ईनू लोगों का ढूसरोल़ा मुँह गाशी ने पड़ो।”
भीड़ तेथी छुड़ियों तिन्ऐं प्रभू यीशू मसीया भे जेष्णें से थिऐ, तिनू तेष्णें ही तिनू आप्णी गईलो नाँव दे तेख्णी निऐं, तबे किऐ ऊकी नाँव भे तिनकी गईलो चाली।
परह् लोगे ऐ तिनू ज़ाँदी बई दे:खी पाऐ, अरह् कईऐं ऐजो जाँणी पाव, के ऐजे कुँण थिऐ, अरह् तबे उडे-पुडे के नंगर शे कऐयों लोग बिच़्ड़ियों तिन शे आगे ही तियों जागे दे पईचे।
तैख्णी ही मसीया ऐ आप्णे चैले जूँरें नाँव गाशी बंईठाल़ियों झील शे पाँडे पाईले ढबे खे डियाल़े जेथै खे बैतसैदा बुली तेथै पंईचणों खे बिदा करे, अरह् तिन्ऐं आपु लोगों के भीड़ बिदा करी लऐ थी।
ऐजो बुल्दे से तिनकी नाँव गाशी हुटे, अरह् बागूर थंबी-रूकी गंऐ, तबे चैले के हरान हऐय तूरंबाणच़ूंटे।
ईनू बातो बित्त्णों गाशी प्रभू यीशू गलील मतल्व तिबिरियास झील शे पाईले ढबै हुटे।