30 किन्देंखे के से बुलो थिऐ, के प्रभू यीशू दे दुष्ट-आत्त्मा असो।
30 यीशुए ऐजौ इथकारिए बौल़ौ, जिथु सै ऐजौ बौल़ौ थिए, तैसदै दुष्टआत्मा औसौ।
यरूशलेम नंगर शे तेथै आऐं, यहूदी-निय्म के शिखाणों वाल़े, का ऐजा मंत्त थिया, के यीशू मसीया दा शैतान असो, अरह् ऐ दुष्ट-आत्त्मा के राजा शैतान की सहाँऐता-मद्दत्त शी दुष्ट-आत्त्मा नीकाल़ो।
परह् जू कुँऐं पबित्र-आत्त्मा के बिरूध दी नीदया-चुगली करला, तेस्खे कद्दी भे माफ ने कर्दो: सेजा आदमी सदा के पाप का दुषी कसूरबार असो।”
तबे प्रभू यीशू के माँ, अरह् भाऐ आऐ, अरह् बाऐर खह्ल़ियों तिनखे बुलावा भेजा।
तिनू लोगों मुँझ्शो कंई लोगे ऐं बुलो, “ऐस्दो तअ किऐ लागियों को असो; अरह् ऐस्दी तअ झ़ाल लागी रंऐ, तुऐं ऐस्की बातो कैई शुँणीं लंई?”