28 ऐजो भे शुणों: के आदमी का बैटा बिषाँव के देसो का भे मालिक असो।”
28 इथकारिए हांव आदमी का बैटा विशांव कै दूसौ का बै प्रभु औसौ।”
आदमी का बैटा बिषाँव के देसो, का भे प्रभू असो।”
तबे प्रभू यीशू मसीया ऐ तिनखे बुलो, “बिषाँव के देसो की थापनाँ आदमी खे करी थऐ, ना के आदमी की थापनाँ बिषाँव के देसो खे करी थऐ।
जबे प्रभू यीशू मसीया यहूदी लोगो के यहूदी-च़ौंतरे दे थिऐ, जेथै ऐक आदमी थिया, जेस्का हाथ शुका-आकुड़ा अंदा थिया।
प्रभू यीशू ऐ तिनखे बुलो, कियो रे, “बिषाँव के देसे भलो कर्णो ठीक असो, के बुरो कर्णो ठीक असो, निय्म के हिसाब शो ऐतलो पराँण जीवन बचाँणें ठीक असो, के मार्णे ठीक असो”, परह् से बादे झुणें चुप्पी रूऐ।
तबे प्रभू यीशू ऐ तिनखे बुलो, “आदमी का बैटा बिषाँव के देसो का भे प्रभू असो।”
प्रभू यीशू ऐ तिनखे जबाब दिता, “मेरा बाबा हेभी तोड़ी आप्णें काँम-काज़ करदा रंह्; अरह् हाँव भे काँम-काज़ करू।”
जेसी देसे प्रभू यीशू ऐ सीनी माँट्टी का लेप ऐसी पेट्-आँधे आदमी की आखी दा लाया; तोदी सेजो बिषाँव को देस थियो।
ईन्दे गाशी किऐ यहूदी भाट-बाँम्णें ऐं बुलो, “सेजा आदमी पंण्मिश्वर की ढबे शा ने आऐ रंई; किन्देंखे के से बिषाँव के देसो का किऐ भे पाल़्ण ने करदा।” अरह् किऐ लोगे ऐ बुलो, “तअ तबे पापी आदमी ऐष्णें चींह्न-चंम्त्तकार किऐ-किऐ देखाऐ सको?” तबे ईयों बातो लई तिनू सोभी लोगो मुँझी भेद्-भाव लई फूट पड़ी।
अरह् सब-कुछ मसीया के लातो थाई पाऐ दितो, अरह् तिनू बादी चींजो गाशी तिनू कलीसिया का सीर-मुँड बंणाँऐ दितो,
हाँव प्रभू के देसे पबित्र-आत्त्मा दा भरा गुवा, अरह् आपु पाछी मुँऐ रंणशिंगें-कनाँल़ी के जेऐ बड़ी गूँह्ज शुँणाँई पड़ी।