57 तबे कंई लोगे खह्ल़ियों तिनके बिरूध दी झूठी गुवाऐ-शाज़्त दिती।
57 तोबै किछै लोग ऊबै बिजैबा तैसकै विरोध दै ऐजै झूठी गवाही दैय,
“अरे तू! तू तअ बुले थिया, के देऊँठी ढाल़ी दियों, अरह् हाँव ऐथू च़ीज़े को खड़ो करी देऊँबा, ऐबे आपु तअ बंचाऐयों दे:ख! जे तू पंणमिश्वर का बैटा असो, तअ ऊदा आ शुँल़ी-फ़ाँशी गैछ़ा।”
बैजाऐ भहीते लोग प्रभू यीशू मसीया के बारे दे झूठी गुवाह्-शाज़्त देंदे खड़े हुऐ, परह् तिनकी सेजी गुवाऐ-शाज़्त ऐक भाँत्ती ने थी।
“आँमें ऐसी ऐजो बुल्दे शुणा, के हाँव ऐजी हाथो के बाँणी अंदी देऊँठी ढाल़ी देऊँबा, अरह् च़ीज़े देसो भीतरी हजो ऊकी देऊँठी बाँणूबा, जू हाथो के बंणी अंदी ने हों।”
अरह् बाटो पूडे ज़ाँणों वाल़े मुँढो झ़िगाल़ी-झ़िगाल़ियों अरह् ऐजो बुलियों तिनकी नीदया-चुगली अरह् ठाठे पाड़दे लागे; के “हुऐ रे, देऊँठी का ढाल़िया अरह् च़ीज़े की पाछ़ू देऊँठी बाण्णों वाल़ा!