“ऐक ऊको अनाँणों शुणों: ऐक घर का मालिक थिया, जेने दाख्ह-अंगूरोह् को खैच़ लाओं, अरह् खेच़ौ के चौऊँ ढबे बाढ़ लाया, तिन्दा ऐक कुवाँ खुणाँ, अरह् रंस निकाल़्णों खे खंह्ल़ा अरह् खंह्ल़े शी ऊँदी कुँऐं खे पणाँव-नाँल़ी भे बाँणीं, अरह् सेजो खैच़ ऐकी जींम्दारो कैई अध्याल़ी दो देऐयों आपु कोसी ओकी प्रदेश दा हुटा।