28 “तुँऐं ऐजो कस्के हंक-अधिकार लई करह्? अरह् ऐजा हंक-अधिकार तुँओं खे कुँणे देऐ थुवा?”
28 तू ऐजै काम कोसी औधिकार शै कौरे? औरौ ऐजा औधिकार ताखै कुणै दैय राए कै तू ऐजै काम कौरे?
प्रभू यीशू अरह् चैले यरूशलेम दे आऐ, अरह् जबे से देऊँठी दे रीटी-फिरी रूऐ थिऐ, तअ प्रधान-याजके अरह् यहूदी-निय्म, के शिखाणों वाल़े, अरह् अगुऐ आऐयों तिनू पुँह्छ़दे लागे।
प्रभू यीशू ऐ तिनखे बुलो, “हाँव भे तुँओं शी ऐक बात पुछू, मुँखे जबाब दियों, तअ हाँव भे तुँओं कैई बुलबा, के हाँव कस्के हंक-अधिकार लई ऐजी काँम-काज़ करू।
“ओ, मंन के हठावणें, अरह् काँनों शे जाऐरे लोगों! तुऐं सदा ही पबित्र-आत्त्मा का बिरोध करह्, जेष्णों के तुवाँरे पुराँणिऐं भे करह् थिऐ।