तिनके अ-दे:खे गुण, मतल्व तिनकी अपार शक्त्ति अरह् ईश्वरिऐ, सभाव, शे संईसारी की सृष्ट्री के बख्तो शी ऊबी तिनके काँम-काज़ के जाँणें दे:खाई दी पढ़ो, ऐथै तोड़ी के लोगों कैई ईन्देंखे का किऐ जबाब ने आथी।
जुण्जे ठाटे पाड़ियों ऐजो बुल़्ले के “कियो रे प्रभू के दुज़ाल़िऐ आँणों के बाय्दें को का हुवो? अमाँरे बुड़े बुजूरग बुढ़ाईको शो ऊबो ऐष्णो ही सब-कुछ चाली रंहो, जेष्णों के संईसारी के शुरू शो ऊबो थियों?”