30 तेथै शा आगुड़े सूहंरों का ऐक बड़ा झुंढ चरी रूवा थिया।
30 तिनुदा किछै दूर बौहितै सुंगरों का ऐक बौड़ा झुंड चोरे रौआ थिया।
“पबित्र चीजों कुत्ते खे ने दिऐं, अरह् आप्णे मोंत्ती सूऊँरों के मुँहों कैई ने पाँऐ; कद्दी ऐशो ने हऐयों के से तिनू लातो थाँई घीज्णों खे ने पाँव, अरह् तेई पाछू फीरियों तुँओं ऊपाड़ो।
तिन्ऐ लेल्याऐयों बुलो, “हे पंणमिश्वर का बैटा, अमाँरें तुँओं कैई शो का लोणों? किन्देखे के तुँऐं बख्तो शे आगे आँमों खे दु:ख देंदे ईथे कैई आऐ रूऐ?”
तिनू दुष्ट-आत्त्मा ऐ प्रभू यीशू शी ऐजी बिनती-अरज करी, “के जे तुँऐं आँमु निकाल़णीं चहाँव, तअ आँमो ऐसी सूहंरो की झुण्ड दी डियाल़ी दियों।”
तेथै धारंह् गाशी ऐक सूँहरों को ऐक बड़ो सूँहरेऊँड़ चरी रूओ थियो।
तेथै धारंह् गाशी ऐक सूँगरो को बोड़ो सूँगरेऊँड़ चरीरूओं थियो; तैथू सूँगरेऊँड़ दे:खियों सैजी दुष्ट-आत्त्मा प्रभू यीशू शी बिनत्ती कर्दी लागी, के आँमों खे ऐथू सूँगरेऊँड़ो दी ज़ाँणों के अज्ञाँ दियों; अरह् तिन्ऐं तिन खे तैथू सूँगरेऊँड़ो दे ज़ाँणो के अज्ञाँ दिती।