10 अरह् जे से माँछी माँगों, तअ से तेस्खे शंगाव दियों?
10 ऐशैखैई जै तैसका बैटा तैसी कैईंदै माछी मांगो तौ तैसीखै शोंगोऊं दैंव?
तअ: जबे तुँऐं बुरे हऐयों, आप्णें नहाँन्ड़िया खे आच्छ़ी चींजो देणी जाँणों, तअ तुवाँरा स्वर्गो का पिता आप्णें माँगणों वाल़े खे आछी चीजों कैई ने देंदे?
“तुँओं मुँझी ऐष्णा कुँण आदमी असो, के जे तेस्का बैटा तेसी कैई शी रोटी माँगों, तअ से तेस्खे पाथर दियों?
अरह् जेष्णाँ ऋषी-मूसा ऐ जाँगल़ों दा शंगाव ऊगला टाँगा थिया, तेष्णाँ ही आदमी का बैटा भे ऊँबा ऊगल़ा टाँगंणाँ जरूरी ही असो।
पर हाँव डरूऐं के जैष्णी शंगाव ऐं आप्णी चलाकी शी हव्वा बकाऐ थी, तैष्णें ही तुवाँरे मंन तियों सच्चाई, अरह् पबित्रता शे जू मसीया की गईलो हऐ चेंई, तिन्दें शे भ्रष्ट ने करी दियों।