1 “दोष-ईल़्जाँम ने लाऐं, जू तुँओं गाशी भे दोष-ईल़्जाँम ने लाया ज़ाव।
1 “कोसी का न्याय नी कौरौ, तौ पौरमेशवर बै तोंवारा न्याय ना कौरदा।
किन्देखे के जेष्णें तुँऐं दोष-ईल़्जाँम लाँव, तेष्णे ही तुँओं गाशी भे दोष-ईल़्जाँम लाया ज़ाँदा; अरह् जेसी पाथें-सोल़े लई तुँऐं मिणों तेसी ही पाथें-सोल़े लई तुँओं खे भे मिणों ज़ालो।
ओ पाखंडी, आगे आप्णी आँ:खी शा लेकड़ा उडा गाड़, तबे तू आप्णें भाई की आँ:खी को साँट-तेण्का सुवाँ करियों दे:खियों निकाल़ी पाईदा।
“दोष-ईल़्जाँम ने लाऐ, तअ तुँओं दा भे दोष-ईल़्जाँम ने लागो: दोषी-कसुरबार ने बाँणें, तअ तुओं भे दोषी-कसुरबार ने बाँणें ज़ाँव: माफ करह्, तअ तुओं खे भे माँफ करो ज़ालो।
तू आप्णे भाई की आँ:खी दो साँट कैई दे:खे, जबे तेरे आप्णी आँ:खी का लेक्ड़ा भे दे:खिदा ने?
जबे से तिन शे जबाब देणों खे पुछ़्दे लागे, तबे प्रभू यीशू ऐ आप्णों मुँढ ऊबे करियों बुलो; “तुओं मुँझ्शा जुण्जा कुँऐ नींरदोष असो; सेजा ईयों तिरंई दा आगे पाथर लाव।”
हे मेरे भाऐ बंईणों, तुँओं मुँझ्षे भहीते शिक्क्षा देणों वाल़े ने बणे, किन्देंखे के तुँओं कैई पता भे असो, के शिक्क्षा देणों वाल़े जादा कसुरबार बाँण्दें।