मत्ती 6:30 - Sirmouri30 ईन्देंखे जबे पंणमिश्वर ज़ूब्ड़ी की घास जू ऐगड़ी खे असो, अरह् दोत्ती भाठ-अगयाव दी फूकी देंई दी, तबे भे तियों ऐष्णी शुभाल़ी बंणाँव, तअ ओ, बै-बिश्वाषियों तुँओं कैई शे से ईन्दें शे आछे शुभाल़े खोट्णों कैई ने बम्बाँ दे? အခန်းကိုကြည့်ပါ။सिरमौरी नौवाँ नियम30 इथकारिए जोबै पौरमेशवर मैदानो कै घास खै, जू ऐलो औसौ, औरौ दोतियो आगी मुंजी पाए जांदै, ऐशणी शोभा दैंव, तौ ओए रै कम बिशवाश कौरणौवाल़ै लोगौ पौरमेशवर जौरुर तोंवारै दैखभाल कौरदा। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |