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मत्ती 6:13 - Sirmouri

13 आँमों पाप कर्णो की परख दे ने पाऐ, परह् बुराई पाप शे बंचाऐ; (किन्देखे के राज्य अरह् प्राकर्म अरह् बड़ियाऐं सदा-सदा तेरी ही असो।’ आमीन।)

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सिरमौरी नौवाँ नियम

13 ‘औरौ आमुखै परीक्षा दै नै पोड़णो दैया, पौरौ दुष्ट शैतान कैईंदै बौचा; (जिथुखै राज्य औरौ शौकतै औरौ महिमा सौदा तैरै औसौ।’” आमीन)

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मत्ती 6:13
57 ပူးပေါင်းရင်းမြစ်များ  

बीऊँजी रंह्, अरह् प्रार्थना कर्दे रंह्, के तुँऐं परख दे ने पड़ो: आत्त्मा तअ तियार असो, परह् देह्-शरीर कंंमजोर असो।”


अरह् जुण्जी मुँऐं अज्ञाँ देऐ थई, सेजी बादी बातो तिन कैई शी माँनणीं शिखाव: अरह् दे:खो, हाँव संईसारी की अंन्त्त तोड़ी सदा तुँवारी गईलो असो।”


परह् तुँवारी बात ‘हाँ’ के ‘हाँ’ अरह् ‘ना’ के ‘ना’ हों; किन्देखे के जुण्जो किऐ ईन्दें शो जादा हों, सेजो दुष्ट-शैतान शो हों।


‘तेरो राज्य आँव: तेरी हिछ़या जेष्णी स्वर्गो दी पुरी हों, तेष्णी ही संईसारी धर्ती गाशी भे पुरी हों।


हाँव तुओं शी ऐजी प्रार्थना-बिनत्ती ने करदा, के तुऐं तिनू लोग ईयों संईसारी शे ऊँबे थागो; परह् ऐजी प्रार्थना-बिनत्ती करू, के तुऐं ईनू लोग तेसी दुष्ट-शैतान शे बंचाऐयों थुऐ।


कुऐं ऐशी परख तुँओं गाशी ने पढ़ो, जुण्जी सोभी खे ऐक भाँत्ती ने हों, पंणमिश्वर बिश्वाष ज़ूगै असो; से तुँओं कोसी ऐशी परख दे ने पढ़णों दियों, जुण्जी परख तुँवारी सहणों जूगी ने हों, परह् से परख आरी तिन्दा का ऊपाया भे कर्दे; जू तुऐं सह्ऐन करी सको।


ना, तअ जे तू आत्त्मा ही शा पंणमिश्वर का धन्यबाद करला, तअ तबे अजाँण्दे लोग तेरे धन्यबाद गाशी आमीन किया-किया बुल्दे? किन्देंखे के सेजे लोग तअ जाँण्दे ने के तुँऐं का बुली लो?


किन्देंखे के पंण्मिश्वर के जै-तोड़े बाय्दे असो, से ईन्दी ही “हाँ” आरी हों। ईन्देंखे तिनके जाँणें आमीन भे हऐ, के अमाँरे जाँणें पंण्मिश्वर के बड़ियाऐं हों।


तिन्ऐ ही आपु-आप्खे अमाँरे पापो की ताँईऐं देऐ दिता, के जू कुँऐं अमाँरे पंण्मिश्वर के हिछ़या, के मुताबिक आँमों ईयों बुरी संईसारी शे छुड़ाऐ दियों।


अरह् तेसके बैटे का स्वर्गो शी आँणों की ताक दे रंह्, जेसी तिन्ऐं मँरे अंदे मुझ शा जीयाल़ा, मतल्व प्रभू यीशू, जू आँमों पंण्मिश्वर के तियों सजा शे बंचाव जू संभी पापी गाशी पढ़णों वाल़ी असो।


परह् प्रभू साच्चा, असो; से तुँओं बिल्कुल पाक्कै करदा, अरह् दुष्टो शे बंचाऐयों थोंदा।


ऐबे सदा का राजा मतल्व अ-बिनाषी, अनाँथों: खे, सिर्फ ऐक पंण्मिश्वर का आदर अरह् बड़ियाऐ ज़ूगौ-ज़ूगौ तोड़ी हंदी रंह्। आमीन।


कुछ़ लोग ऐशे भे थिऐ, जिनकी परख-अजमाँऐष हंऐ; तिनू ठाठे खे करे, अरह् तिनू कोड़े खाणें पढे़, अरह् तिनू बैड़ियों लंई बाँनियों कंय्दखाँनें दे पाऐ दिते।


च़ौक्क्ष रूऐ, अरह् बीऊँजी रूऐ; किन्देंखे के तुवाँरा बिरोधी शैतान नाँदिणों वाल़े सिंह के जेष्णाँ ऐसी ताक दा रंह, के कोसी ऊपाड़ियों खाऊँ।


ऐशो दाँई प्रभू जाँणों ऐ के भगत्त लोग कैशे दाँई नियाँव के देसो तोड़ी बंचाऐंयों थहणें, अरह् दुष्ट लोग कैशे दाँई सजा पाँणों खे थहणें;


पाप कर्णो वाल़ा आदमी शैतान का असो, किन्देंखे के शैतान शुरू शा ही ऊबा पाप करदा रंह्; परह् पंण्मिश्वर का बैटा ईन्देंखे पर्गट हुवा, के शैतान की बादी काँम-काज़ का नाष करी दियों।


हाँव जीऊँदी असो; हाँव मँरी गुवा थिया, परह् ऐबे देखो, हाँव ज़ूगौ-ज़ूगौ तोड़ी जीऊँदा असो; अरह् मंऊँत्ती अरह् अंधलोक की ताल़ी-कुँन्जी मेरे हंक-अधिकार दी असो।


ईन्दें पाछी मेरे स्वर्गो दी ऐक बड़ी धाव शुँणाँई पड़ी, जेष्णी लोगों के ऐक बैशुमाँर भीड़ जल़्से का रूप धारियों रूल़ेपाड़ियों साथी बुल्दे लागे: “हाल्लेलूय्याह! मुँक्त्ति बड़ियाऐं अरह्, शक्त्ति अमाँरे पंण्मिश्वर के ही हों।


तबे चौबीषो अगुऐ अरह् चौऊँ जींव ऐ पंण्मिश्वर के सहाँम्णें जुण्जे सिंगाँस्हणों गाशी बंईठे अंदे थिऐ तिनखे लाम्बे पसरियों प्रणाँम करियों अरार्धना कर्दे लागे: “आमीन! हाल्लेलूय्याह!”


जुण्जे दु:ख्ह ताँव झेल़्णें पड़ले, तिन्दा डरे ने। किन्देंखे के देखो, शैतान तुँओं मुँझ शे किऐ कय्दखाने दे पाँणें चहाँव जू तुँओं जाँच्चें-पर्खे ज़ाँव; अरह् तुँओं दष देसो तोड़ी कल़ेष भोग्णाँ पड़ो। पराँण देणों तोड़ी बिश्वाषी रंह्, तअ हाँव ताँव्खे जीवन को मुँकुट-ताज देऊँबा।


से तिनकी आँखी शे बादे आशुओं आगू घुष्दा; तिन्दे पाछी ना तअ मंऊँत्त रह्दीं, अरह् ना शोग, बिलाप, ना दु:ख, किन्देंखे के पुराँणीं बातो बीती गंई।”


तुँऐं मेरे धीरज के बचन थाँबी थुऐ, ईन्देंखे हाँव भे ताँव र्पख्णों के बख्त्ते बंचाऐयों थंऊँबा, जू धर्ती गाशी रंहणों वाल़े र्पखोंदा अरह् बादी संईसारी गाशी आँणों वाल़ा असो।


“लौदीकिया नंगर की कलीसिया के दूत्त खे ऐजो लिख: “जू आमीन अरह् बिश्वाष ज़ूगा अरह् साच्चा गुवाह्-शाज़्त्त असो, अरह् पंण्मिश्वर की सिर्ष्टी की उत्त्पत्ति का खास कारण असो, से ऐजो बुलो:


तेष्णीं ही मुँऐं बादी संईसारी-स्वर्गो दी, ईयों धर्ती थाँई पताल़ो दी, संमुन्द्रो अरह् तिन्दी बंसी अंदी बादी सिर्जी-बंणाई अंदी चींजो दी, अरह् सब-कुछ जुण्जो किऐ तिन्दो असो, तिनू ऐजो बुल्दे शुँणों: “छ़ैल्टे का अरह् सिंगाँस्हणों गाशी बईठा अंदा असो, स्त्तुति, आदर, बड़ियाऐ, अरह् हंक-अधिकार, सदा-सदा हंदा रंह्!”


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