20 प्रभू यीशू ऐ तिन कैई शो पुछो, “ऐजी मुँहर-छाप अरह् नाँव कस्को असो?”
20 तैणै तिनु कैईंदु पूछु, “इथपांदी छाप औरौ नांव कोसको औसौ?”
माँम्ले-कंण का सिक्का मुँह कैई शा दे:खाओं।” तबे तिन्ऐ प्रभू यीशू कैई ऐक रोमी सरकार का सिक्का दिता, जिन्देंखे दीनार बुली।
तबे तिन्ऐ प्रभू यीशू खे बुलो, महाँ-राजा कैसर को। तबे प्रभू यीशू ऐ तिनखे बुलो, “जू महाँ-राजा कैसर को असो, सेजो महाँ-राजा कैसर खे दियों, अरह् जुण्जो पंणमिश्वर को असो, सेजो पंणमिश्वर खे दियो।”
तिन्ऐ ऐक सिक्का आणाँ, अरह् तेसी सिक्के दे: खियों प्रभू यीशू ऐ बुलो, “ऐजी छाप अरह् ऐजो नाँव कस्को असो?” तिन्ऐ बुलो “कैसर को।”
“मुँहँ कैई ऐक दीनार दे:खाव, अरह् बुलो, ईन्दें गाशी कंस्की मुँहर-छ़ाप, नाँव असो? तिन्ऐ बुलो, महाँ-राजा कैसर को नाँव अरह् तिन की ही मुँहर-छाप असो।”