मत्ती 22:10 - Sirmouri10 तबे: तिनू दास-बैठू ऐ शड़की बाटो दे ज़ाऐयों, आछे-माड़े भले-बूरे जै-तोड़े लोग भेंटे सेजे बादे कठे करे, अरह् जाज्ड़े-बियावं को घर पाऊँणे लई भरी गुओं।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။सिरमौरी नौवाँ नियम10 तोबै तिनु नोकरे शोड़कै पुंडे जायौ, का बुरै, औरौ का आछै, जैतरै भैटी सौबी खै कौठै कौरे; औरौ बैयाव को घोर पोऊंणै लैई भोरै दियु।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
ईन्दें पाछी मुँऐं झ़ेठ पाऐ, अरह् देखो, के मेरे सहाँम्णें ऐक बैशुमाँर बड़ी लोगो की भीड़ जल़सा खह्ड़ा हुआ, जिन्दें की गिनती कुँऐ ने करी पाँव थिया। ऐसी जल़्से भीड़ मुँझी हर ऐक जात्ती मुँझ शे अरह् हर कुँल़-गड़ी अरह् हर भाषा के लोग थिऐ। से तेसी सिंगाँस्ण के सहाँम्णें तेसी छ़ैल़्टे कैई खह्ड़े हुऐ, चिट्टे खोट्णों बाँम्बियों आप्णें हाथों दी खंजूर की डाल़ी लऐयों आऐ,