7 “तेने तिनखे बुलो, ‘तुँऐं भे मेरे दाख्ह-अंगूरोह् के खेच़ौ दे ज़ाव।’”
7 तैणै तिनुखै बौल़ौ, ‘तुऐं बै अंगूरो कै बागो दै जांव औरौ काम कौरौ।’ ”
“स्वर्गो को राज्य जींम्मीं के माँलिक जेष्णों असो, जुण्जा झ़ीषो भेंयाँसरोह् दा नींक्ल़ा, के आप्णी दाख्ह-अंगुरोह् के खेचौ दे धियाड़ूवा लाऊँ।”
जबे देसो ऊछाँणों खे ऐक घाण्टा रंऐ गुवा, तअ तेने हजो हुटियों, ओके लोग भे खड़े दे:खे, अरह् तिनखे बुलो, ‘तुँऐं कैई ईथे देसभरी बै-कार खड़े रूऐ?’ तिनिऐं तेस्खे बुलो, ‘ईन्देंखे के कुँणिऐ आँमों धियाड़ी दे ने लाई।’”
“संदो आरी दाख्ह-अंगूरोह् की खेच़ौ के मालिके आप्णें भडारी-सईज़ाल़ी खे बुलो, के ‘धियाड़ूवा बऐदियों, आगले शे ऊँडे पाछ्ले तोड़ी धियाड़ी दे।’
जिन्ऐं मुँह डेयाल़ी थुवा; तिनकी ताँईऐं आँमों खे ऐजो जरूरी असो, के आँमें देसो के सकाल़ै ही तिनके काँम-काज़ करी दियों; किन्देंखे के सेजी रात्त आँणों वाल़ी असो, जबे कुँऐ आदमी किऐ भे काँम-काज़ ने करी सक्दा।
“आँमें ईनू आदमी आरी ऐबे का करह्? यरूशलेम दे रंहणों वाल़े बादे लोगो कैई ऐजा पता लागी रूवा थिया, के ईन्ऐ ऐक नोंख्हा-चंम्त्तकार करियों देखाऐ थुवा, जुण्जा आँमों भे माँन्णाँ पड़्दा;
ऐबे जू तुँओं मेरी खुषख्बरी मतल्व प्रभू यीशू मसीया के शिक्क्षा के प्रचार के मुँताबिक शे पाक्के करी सको, तेसी भेद् के प्रकाष के मुँताबिक जू ज़ूगौ शा चुप्पी रूआ,
किन्देंखे के तुँऐं जाँणोंऐं के जू कुँऐं जेष्णाँ आछा काँम-काज़ करला, भाव से दास हों, भाँव अजाद हों; से प्रभू शा तेष्णा ही तिन्दें का फल़ पाँदा।
मतल्व सेजा भेद् जुण्जा पींढ़ियों शा ऊबा चुप्पी थिया, परह् ऐबे तिनके पबित्र लोगो कैई पर्गट करा गुवा।
किन्देंखे के पंण्मिश्वर अनियाँऐ कर्णो वाल़े ने आथी, के तुँवारी काँम-काज़, अरह् सेजो प्यार बिसरी ज़ाव, जुण्जो तुँऐं तिनके नाँव शो ऐशो ढंग शो देखाव, के पबित्र लोगो की सेवा करी, अरह् हजो भे सेवा करी लऐ।