मत्ती 20:1 - Sirmouri1 “स्वर्गो को राज्य जींम्मीं के माँलिक जेष्णों असो, जुण्जा झ़ीषो भेंयाँसरोह् दा नींक्ल़ा, के आप्णी दाख्ह-अंगुरोह् के खेचौ दे धियाड़ूवा लाऊँ।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။सिरमौरी नौवाँ नियम1 “स्वर्ग का राज्य ऐसी ऐकी उदारण साए औसौ, ऐक जीमदार जू झीशीं दा बायरै हौटा, औरौ आपणै अंगूरो कै बागो दै मजदूर कै काम कौरदै लाए। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
(हाँव ईथे ऐक अनाँणों लिख्णों चहाँऊ, के आदमी के बैटे के आँवणीं केष्णी हंदे) ऐक आदमी थिया, से ओकी देशो प्रदेश खे ज़ादा लागा थिया, तबे तिन्ऐ जाँदी बई आप्णो घर छुड़ी दितो, अरह् तेथू तिन्ऐ आप्णें दास के अधीन करी दिता: अरह् ऐकी नाँम खे तेस्की टअल संम्झाऐ दिती, अरह् देऊँल़ी के जगवाल़े खे बीऊँजी रंहणों के अज्ञाँ दिती।