11 (किन्देखे के आदमी का बैटा पाऐं अंदे बंचाँदा ही आऐ रूवा।)
11 जिथुखै हांव आदमी का बैटा हाँईचैयौंदी खै बौचांदा आए रौआ।
किन्देंखे के आदमी का बैटा पाऐ अंदें जूँह्दा, अरह् तिनू बंचाँदा आऐ रूवा।”
“तुँऐं का सुचो? जे कोसी आदमी के षौ भैड़ हों, अरह् तिन मुझ़शी ऐक पाऐ भट्की ज़ाँव, तअ कियो से तिनू निन्याँणूवें भैंड़ो छुड़ियों, हजो धार-पाह्ड़ी गाशी ज़ाऐयों, तियों पाई-भट्की अंदी भैंड़ जूह्दा ज़ाँदी ने?”
ऐजो शुणियों प्रभू यीशू ऐ तिनखे बुलो, “जड़यारें आछे-भले खे ने, परह् बीमार खे जरूरी असो।
परह् इस्राएल के घराने की पाई अंदी भैड़ो कैई ही ज़ाऐं।
प्रभू यीशू ऐ तिन्खे जबाब दिता, “इस्राएल के घराने की पाऐ अंदी भैंड़ो के सुवाऐ मुँह ओकी कोसी कैई ने डियाल़ी थई।”
अरह् तबे से कोसी ओकी गाँव दे हुटे।
किन्देंखे के मेरा ऐजा बैटा मंरी जिया रूवा थिया, ऐ पाऐ रूवा थिया; परह् ऐबे हजो पाछू भेटी गुवा, अरह् से आँनन्द-खुशी मंनाँदे लागें।’
परह् ऐबे खुशी मनाँणी पड़ो, किन्देंखे के तेरा काँण्छा भाऐ जू अमाँरी लेख्हे मंरी जिया रूवा थिया; परह् ऐ ऐबे जीऊँदा असो, जू पाँऐ रूवा थिया, से आँमों पाछू भेंटी गुवा।’”
पंण्मिश्वर ऐं आप्णा बैटा संईसारी दा ईन्देंखे ने डेयाल़ी, के से संईसारी खे सजा की अज्ञाँ दियों; परह् तेसी ईन्देंखे डेयाल़ा के संईसारी तेस्के कारण छुट्कारा-मुँक्त्ति पाँव।
चोर कोसी ओकी काँम शा ने आँदा, से तअ सिर्फ चूरी करदा, हंत्त्या करदा, अरह् नाँष करदा आँव; परह् हाँव ईन्देंखे आऐ रूवा, के तुँओं खे जीवन भेटो; अरह् भर-पुरी का जीवन भेंटो।
हाँव तेसी आदमी दोषी-कसूर बार ने बाँण्दा, जुण्जा कुँऐ मेरी खुषख्बरी शुँणियों तिन्दें का पाल़्ण ने करदा; किन्देंखे के हाँव संईसारी दा दोष-कसूर लाँदा ने आऐ रंई, परह् ईयों संईसारी खे छ़ुट्कारा करदा आऐ रूवा।
ऐजी बात साच्ची, अरह् माँन्णों ज़ूगी असो, के मसीया यीशू पापियों का मुँक्त्ति देंदे दुनियाँ दे आऐ, जिनू पापी मुझी हाँव सोभी शा बड़ा असो।