तुँऐं कैई ने सम्झोंदे के मुँऐं तुँओं खे रोटी के बारे दो ने बुली, परह् ऐजो के तुँऐं यहूदी भाट-बाँम्ण अरह् सदूकी दल़ के लोगों के खमीर मतल्व चाल-कऊँट्ल़ों शे सक्न्ने च़ौक्क्ष रूऐ।”
कियो तुँऐं हेभी तोड़ी भे सम्झी ने रंई? कियो तुवाँरे सेजे पाँच हजार लोगों खे पाँच रोटी चींत्ते आथी ने, अरह् ना ऐजो के तुँऐं केतोड़ी शैक्ड़ी बंचे अंदे टुक्ड़े की थागी।
बख्त्तो के बिचार शे तअ तुऐं गुरू बंणीं गुऐ चैई थिऐ; तबे कियों ऐजो जरूरी असो, के कुँऐ तुओं खे दुज़ाल़िऐ पंण्मिश्वर के बचनों के शिक्क्षा हजों शुरू शी ही दियों? अरह् तुऐं ऐशे बंणी गुऐ; के हेबी तोड़ी तुओं खे नाँज के बद्ल़े दुध ही भेंटो चैई।