30 किन्देखे के मेरो षमाऐं असान अरह् मेरा बोझ़-भार हल़्का असो।”
30 जू हांव चोऊं कै तुऐं कौरौ, सैजौ कौरणौ चैईथु ना आथी।”
बिषाँव के देसे प्रभू यीशू आप्णें चैले आरी कोसी खेच़ौ बाटी ज़ाँदे लागे थिऐ, अरह् तिनके चैले के भूख लागी, तअ से बाली शी फल़ी च़ूड़ी-चूड़ियों खाँदें लागे।
मुँऐं तुओं कैई ऐजो सब-कुछ़ ईन्देंखे बुलो, के तुँओं शाँण्त्ति भेटो; किन्देंखे के संईसारी दे तुओं खे सिर्फ दु:ख्ह अरह् कल़ेष असो; परह् आँनन्दित्त खुशी हुऐ, के मुँह संईसारी गाशी जींत्त भेंटी रंऐ।”
तअ तबे तुँऐं कैई पंण्मिश्वर पर्खी लुवा? के ईनू गऐर यहूदी चैले की टाटी गाशी ऐष्णों शँमाँऐ थऐ लो; जिन्दे का भार ना तअ अमाँरे पुराँणियाऐं के थागियों थिया, अरह् ना अमाँरे थागिन्दा?
“पबित्र-आत्त्मा के अरह् अमाँरे ऐजो ठीक जाँणियों, के ऐजी सब जरूरी बातो के सुवाऐ; तुओं गाशी ओके किऐ भार-बोह्झ ने पाँव;
किन्देखे के अमाँरा ऐगड़ी का दाँणिंक जिया कल़ेष आँमों खे बैजाऐ प्रभू यीशू के अरह् हमेशा की बड़ियाऐं पय्दा करदा ज़ाँव जिन्दें बरा-बरी ने करी ज़ादी;
मसीया ऐ आँमों अजाद करी थुऐ, जू आँमें अजादी का मंज्जा लऐ सको, ईन्देंखे आप्णें बिश्वाष पाक्का थुऐ, अरह् हजो मूसा खे भेटे गुऐ अज्ञाँ-निय्म के गुलाम ने बंणें।
ईन्देंखे के जे तुँऐं पबित्र-आत्त्मा के मुँताबिक चालो, तअ मूसा खे भेटे गुऐ अज्ञाँ-निय्म के बष दे ने रूऐ।
जू मुँखे तागत दियों, तिन्दे खे हाँव सब-कुछ करी सकू।
पंण्मिश्वर की अज्ञाँ का पाल़्ण करणा ही पंण्मिश्वर शो पियार कर्णों का परमाँण असो, परह् तिनकी अज्ञाँ कठींण ने आथी;