37 दुज़े के जबे से तियों धारंह् गेच़्छ़ै ऊदे आऐ, तअ ऐक बड़ा दल़ लोगो का प्रभू यीशू कैई भेंट कर्दे आऐ।
37 ओकी दूसै जोबै सै धारो पौरैशै उतरे तौ तिनु ऐक बौड़ै भीड़ भैटी।
तियों लोगो की बड़ी भीडो मुँझ्शो ऐकी आदमी ऐं लेल्याऐयों बुलो, “हे गुरू जी! मेरी तुँओं शी ऐजी बिनत्ती असो; के तुऐं मेरे बैटे गाशी आप्णी कृपा के नंजर पाव; किन्देंखे के मेरे ऐके बैटा असो।