52 तबे खास-चैले प्रभू यीशू के अरार्धना करियों, बैजाऐ आँनन्द-खुशी आरी पाछ़ू यरूशलेम खे आऐ।
52 तोबै सै तैसकै आराधना कौरेयौ बौहितै खुश हुवे, औरौ यरूशलेम शहर खै पाछु हौटै गौवै।
तिन्ऐ प्रभू यीशू का दर्शण करियों तिनखे नमंष्कार करी, परह् तिन गाशी कोसी-कोसी के षकं हुवा।
बाटो पुडे ही अचाँणक प्रभू यीशू तिनू भेंटे। अरह् बुलो, “नंमष्कार”। तिन्ऐ लातो गाशी पड़ियों तिनखे लाम्बे पसरियों नंमष्कार करी।
अरह् अशिर्बाद देंदे प्रभू यीशू तिनू आरी शे ज़ंई हुऐ, अरह् तिनू स्वर्गों दे ऊबे टीपे गुऐ।
अरह् से देऊँठी दे सदा पंण्मिश्वर की अरार्धना कर्दे रूऐ।
तुँऐं मुँह ऐजो बुल्दे शुँणा, के ‘हाँव ज़ादा लागा, अरह् हजो पाछु तुओं कैई आऊँबा।’ जे तुँऐं मुँह आरी प्यार कर्दे, तअ ईयों बातो शुँणियों बैजाऐ खुशी हंदे; किन्देंखे के हाँव बाबा कैई ज़ाँदा लागा, जुण्जे के मुँह शे बैजाऐ महाँन बड़े असो।
तेष्णें ही तुऐं लोग भे हेभी दु:ख्हीं, अरह् शोकित्त हऐ रूऐ; परह् जेई हाँव तुओं कैई शा हजो दुज़ाल़िऐ देंखाई देऊँबा, तेई तुवाँरा मंन आँनन्दित्त हऐयों भरा ज़ाला; अरह् तबे तुवाँरी सेजी खुशी-आँनन्द कुँऐ तुओं कैई शी आगु ने करी बंल़्दा।
तबे भे संच्चाऐ तअ ऐजी असो, के मेरो ज़ाँणों तुवाँरी ताँईऐ फ़ाय्देंबंन्द असो; किन्देंखे के जे हाँव ने ज़ाँऊँबा, तअ सेजा मंद्त्तगार मतल्व पबित्र-आत्त्माँ तुओं कैई ने आँदी; परह् जे हाँव ज़ाँऊबा, तअ हाँव तेसी पबित्र-आत्त्मा तुँओं कैई डेयाल़ी देऊँबा।
तबे थोंमा ऐ जबाब दिता; “हे मेरे प्रभू! हे मेरे पंण्मिश्वर!”
खास-चैले जैतून नाँव की धारंह् गाच्छ़ै जुण्जो यरूशलेम के नंजीक लग-भंग ऐक किलो मीटर की दुरी दो असो, से यरूशलेम खे पाछू आऐ।
तिनशो तुँऐं बिना दे:खी भे पियार करह्, अरह् ऐबे तअ तिनू गाशी बिना दे:खी भे बिश्वाष करियों ऐशे खुशी अरह् मंगन हों, जिन्दे का किऐं बखाँण ने करा ज़ाँव; अरह् से बड़ियाऐ शा भरा अंदा असो;