“तेर्मोल़ी की डाल़ी शी शींख लुऐं: के जबे तिन्दे की डाल़ी कुँरोईदी लागो, तअ तिन्दें के पाच़ो झंड़्दे लागो, तअ तबे तुँऐं जाँणी पाँव के गर्मीं के रीत्त आँदी लागी।
आपु-आप्खे जाँच्चो-पर्खो के तुँऐं बिश्वाष दे असो ऐ के आथी ने। आपु-आप्खे जाँच्चो-पर्खो। कियो तुँऐं आप्णें बारे दो ऐजो जाँण्दें ने, के यीशू मसीया तुँओं दे असो? ना तअ तुँऐं जाँच्च-परख दे नि-काँम्में निक्ल़ी रूऐ।