30 तबे दुज़ा,
30 तोबै दूजै औरौ तिजै भाईए तियौंआरी बियाव बाणा।
के कुँऐं सात्त भाऐ थिऐ, अरह् तिन का जेठा भाऐ जाज्ड़े बाँणियों बिना आगा-जाऐत्रिऐ मंरी गुवा,
अरह् तबे च़ीज़े भाईऐ भे तियों ही तिरंऐ आप्णी घरवाल़ी बाँणी; अरह् तबे से सात्ते भाऐ तैष्णें ही बिना आगा-जाऐत्रिऐ ऐक भाँत्ते मंरे;