30 किन्देंखे के मेरी आँ:खिऐ तुवाँरा दिता अंदा छुट्कारा दे:खी पाया।
30 जिथु मोऐं तैसी उध्दार कौरणौवाल़ै कै दैख पाए, जैसी तुऐं सौबी लोगौ कै बौचाणौ कारिए छाड़ै राए।
जेसी तुँऐं सोभी लोगो के साम्णें तियार करी थुवा।
अरह् बादे पराँणी पंण्मिश्वर के जाँणें छ़ुट्कारा दे:ख्ले।’”
“ईन्देंखे तुँऐ लोग जाँणीं पाव, के पंण्मिश्वर की ऐजी छ़ुट्कारे के खुषख्बरी गऐर-यहूदियों खे डेयाल़ी दिती; अरह् से जरूर शुँण्ले।”