“ख्याल थुऐ, के तुँऐं ईनू छुटे मुँझ्षा कोसी भे छुटा छ़ूत्त जाँणियों ने दे:खो; हाव तुँओं खे बुल्णों चहाँऊ, के स्वर्गो दे ईनके स्वर्गदूत्त मेरे स्वर्गो के पिता को मुँह हमेशा दे:खो।”
पंण्मिश्वर ऐं आप्णा बैटा संईसारी दा ईन्देंखे ने डेयाल़ी, के से संईसारी खे सजा की अज्ञाँ दियों; परह् तेसी ईन्देंखे डेयाल़ा के संईसारी तेस्के कारण छुट्कारा-मुँक्त्ति पाँव।