26 तबे: तेने आप्णा ऐक सेवक बंऐदियों तेस कैई शो पुछ़ो; ऐजो सब का हंदो लागो?
26 औरौ तैणै ऐकी नोकरो खै बौएदैयौ पूछु, ‘इथै का हौंदौ लागै रो?’
“परह् तेसी बाबा का जैठा बैटा तेख्णों खेच़ौ दा थिया। अरह् जबे से खेच़ौ शा आँदा लागा थिया; तअ तेने आप्णें आँगणे दा बजाणों का अरह् नाँचणों का रूल़ा शुणाँ।
तेने सेवक ऐं बुलो, के तुवाँरा भाऐ आऐ रूवा; अरह् तुवाँरे बाबा ऐं बाड़े का बाकरा काटी थुवा; किन्देंखे के तिनू तेरा सेजा भाऐ पाछू राजी-खुशी भेटी रूवा।
अरह् तेने लोगो की तियों भीड़ के हाँड्णों का शाद्ह शुँणियों लोगों कैई शा पुछ़्दा लागा; के “ऐजो का हदो लागो?”
तबे से बादे हरान हऐयों, तिनू सोभी के तूरंबाँणच़ूंटे अरह् से दुबिदा दे पड़ियों डरी-हड़बड़ाऐ गुऐ; अरह् से ओका-ओकी खे बुल्दे लागे, के “ऐजी का बात असो?”