43 भागोईंत्त असो! सेजा दास, जेसी तेस्का माँलिक आऐयों ऐष्णों ही कर्दे दे:खो।
43 धन्य औसौ सैजा नोकर, जैसी जैसका मालिक आयौ ऐशैखैई ही कौरदै पाला।
भागोईत असो! सेजा दास-बैठू जेसी आऐयों तेस्का मालिक-तेष्णा ही काँम-काज़ कर्दें दे:खों।
भागोईंत्त असो! सेजे दास-बैठू जिनू तिन का माँलिक घरह् की रंख्वाल़ी-जगवाल़ी कर्दे बीऊँजी दे:ख्ला; हाँव तुँओं खे खास बात बुलू, के सेजा माँलिक आप्णी कंमरी दी गाच़ी भीड़ियों तिनू सोभी ऐकी-ऐकी दास-बैठू कैई शो बंईठाल़ियों आपु भोजन कराला।
प्रभू यीशू ऐ बुलो, के “सेजा बिश्वाष ज़ूगा, अरह् ईमाँनदार ठगड़ा भडारी कुँण असो; जैसी तेस्का माँलिक आप्णें ओकी दास-दासियों गाशला मुँख्या बाँणाओं; जू से तिनू सोभी बख्त्तों गाशी जै-तड़ो भोजन देंणो पड़ो तै-तोड़ा ही भोजन दियों।
हाँव तुँओं खे खास बात बुलू, के सेजा माँलिक तेसी दास आप्णी बादी संम्पत्ति का हंक-अधिकारी बाँण्ला।
ईन्देंखे, हे प्यारे साथियों, जबे के तुँऐं ईनू बातों का भूर्षा थह्, तअ कोशिष करह् के तुँऐं शाँण्त्ति शे तिनके साम्णें निरदोष-बै-कसूर भेटे चैई,