62 तबे तिन्ऐ तेस्के बाबा खे साऊँन ईशारे करियों पुछो, के “तू ऐस्को नाँव का थंणों चाँऐ?”
62 तोबै तिनुऐ तैसकै बापू शै इशारा कौरेयौ पूछु कै तू ऐसको का नांव राखणौ चांए?
जबे से पूजो कैई शा बाँईडा आया, तअ तेस्के ऊबो ने बुलाई: तबे लोगे जाँणी पाव के ऐस्खे देऊँठी दा किऐ दर्शण हऐयों चंच्का हऐ रूवा; अरह् से तिनू लोगो आरी संनकाऐयों बात करदा लागा, अरह् से तबे गुँगा ही बंणा रूवा।
अरह् तिन्ऐं बुलो, के “तेरे कुड़बे दो ऐजो नाँव कोसी को ने आथी।”