46 तबे मरियम ऐ बुलों, “मेरे पराँण प्रभू के बड़ियाऐं करह्।
46 तोबै मरियमे बौल़ौ, “हांव पौरमेशवर कै बौड़ाए कौरु।
सिर्फ ऐजो ही ने, परह् आँमें आप्णे प्रभू यीशू मसीया के जाँणें, जिनके जाँणें अमाँरा मेल-झोल हुआ, पंणमिश्वर गाशी पुरा भूर्षा करियों आँनन्द-खुशी मनाँऊबे।
जेष्णों पबित्र-ग्रन्थों दो लिखी थो, तैष्णों ही हों, “जू तारीफ करह्, से प्रभू दा तारीफ करह्।”
परह् पंण्मिश्वर का धन्यबाद हों, जू मसीया दी सदा आँमों खे जय की खुशी दे नियों फिरह्, अरह् आप्णें ज्ञाँन की खुष्बू अमाँरे जाँणें ढिक्को हर जागे दी फईलाऐ दियो।
किन्देंखे के खतना वाल़े तअ आँमें ही असो, जू पंण्मिश्वर की आत्त्मा के गुवाह्-शाज़्त्ति शी आरार्धना करह्, अरह् मसीया यीशू गाशी तारीफ करह्, अरह् आप्णी देह्-शरीर की बातो गाशी भूर्षा ने कर्दे।
प्रभू दे सदा खुशी रंह्, हाँव हजो बुलू, के खुशी रंह्।
शाँण्त्ति का दाता पंण्मिश्वर आपु ही तुँओं पुरी रित्ती शे पबित्र करह्; अरह् तुँवारी आत्त्मा अरह् जीयाँन-प्राँण अरह् देह्-शरीर अमाँरे प्रभू यीशू मसीया के आँणों तोड़ी शुरे-पुरे अरह् नीर्दोष आछे थों।
तिनशो तुँऐं बिना दे:खी भे पियार करह्, अरह् ऐबे तअ तिनू गाशी बिना दे:खी भे बिश्वाष करियों ऐशे खुशी अरह् मंगन हों, जिन्दे का किऐं बखाँण ने करा ज़ाँव; अरह् से बड़ियाऐ शा भरा अंदा असो;