12 अरह् ज़कर्याह तेसी स्वर्गदूत्त दे:ख्यों डरी गुवा, अरह् से शूंन हऐयों आईना-आईना गुवा।
12 औरौ जकर्याह तैसीखै दैखैयो कै घोबरोऊवा औरौ डौरे गौआ।
तबे से ऊराड़ो दे भिटी हुटी, अरह् तिन्ऐ चीट्टे खोट्णों बाँम्बियों ऐक जुवाँन सोऐं ढबे बईठा अंदा दे:खा, अरह् तिनके तूरंबाणच़ूंटे।
ऐजो शुणियों से बैजाऐ डरी गऐ, अरह् सूच्दी लागी, के “ऐजो केष्णों बराल़िणों असो?”
कुरनेलियुस ऐ तेसी स्वर्गदूत्त सुवाँ करियों ध्याँन शा देखा, अरह् डरियों बुलो, “हे प्रभू! का बुली लो?” तेने स्वर्गदूत्त ऐं तेस्खे बुलो, “तेरी प्रार्थना अरह् तेरे दाँण-दछ़णाँ पंण्मिश्वर के सहाँम्णिऐं पंह्ऊँची रूऐ;
तिनू देखियों हाँव तिनके लात्तो गाशी मँरा अँदा जिया पड़ा; अरह् तिन्ऐं आप्णा सुवाँ हाथ मुँह गाशी थह्ऐयों बुलो: “डरे ने आगला अरह् आखरी हाँव ही असो!”