5 हाँव जाँव-तोड़ी संईसारी दा असो; ताँव-तोड़ी हाँव संईसारी खे ज्योति-प्रकाष असो।”
5 जांव तौड़ी हांव दुनिया पांदी औसौ तांव तौड़ी दुनिया कौ पेयाशो हांव औसौ।”
जुण्जे लोग ईनाँरें दे बऐठी रूऐ थिऐ, तिन्ऐ बड़ा प्रकाष दे:खा; अरह् जुण्जे मंऊँत्ती के देश अरह् छ़या दे बऐठी रूऐ थिऐ, तिनू गाशी प्रकाष चंम्का।”
तुँऐं संईसारी खे जोत्त असो, धार-पाह्ड़ी गाशी बसा अंदा नंगर चुप्पी ने थंईदा।
के से गऐर-यहूदी खे पियाषे देणों वाल़ी जोत्त, अरह् तेरे खास लोगो इस्राएल खे बड़ियाऐं हों।”
हाँव जोत्त बंणियों ईयों संईसारी दा आऐ रूवा, जिन्दे लई सेजे बादे लोग, जुण्जे मुँह्दा बिश्वाष करह्; से ईनाँरे दे ने रंह्।
प्रभू यीशू ऐ हजो लोगो खे बुलो, “संईसारी खे ज्योंत्ति-प्रकाष हाँव असो; जुण्जा मुँह पाछी आला से ईनाँरे दा ने हाँड्दा, किन्देंखे के जीवन का प्रकाष ज्योत्ति हमेशा खे तेसी आरी रंह्दी।”
किन्देंखे के प्रभू ऐ आँमों खे ऐजी अज्ञाँ देऐ थऐ, के मुँऐं तुँओं गऐर-यहूदी खे प्रकाष बंणाँऐ थुऐ; जिन्दे लई तुऐ संईसारी के कुँणें तोड़ी मुँक्त्ति-छ़ुट्कारे का जरिया बंणों।”
हाँव तिनकी आखी खोल्णों खे, तिनू ईनाँरे शे ज्योत्ति की ढंबै फ़ेर्णो खे; मतल्व शैतान की शक्त्ति शे दुर्के करियों; पंण्मिश्वर की ढबै कर्णो खे, ताँव तिन कैई डेयाल़ूबा; जिन्दें लंई से मुँदा बिश्वाष कर्णो के कारण आप्णें पापों की माफी पाँव, अरह् पबित्र करे अंदे भगत्तों आरी से भे मीरास पाँव।’
मतल्व ऐजो के मसीया दु:ख्ह भोगदे, अरह् मँरे अँदें मुँझी सोभी शे आगे दुज़ाल़िऐ ऊबे पाछ़ू जीऊँदें हंऐयों, आप्णें लोगों खे, अरह् गऐर-यहूदियों खे भे ज्योंत्ति-प्रकाष के खुषख्बरी का प्रचार कर्दे देंदे रंह्दे।”
अरह् जुण्जो देखियों पर्गट हों, से आपु भे त्तेज-प्रकाश बंणों, ईदेखे पबित्-ग्रन्थों दो लिखी थुओं: के “हे सुतणों वाल़े, नींज़ो शे ऊबे बिऊँजो, अरह् मँरे अंदे मुझ्शे ऊबे जियों, मसीया का त्तेज-प्रकाश तुँओं गाशी चंम्मकोदा लागा।”
तेसी नंगर दी पीयाषे खे सुरूज अरह् चाँद टीक्की की भे किऐ जरूरत ने आथी; किन्देंखे के पंण्मिश्वर का त्तेज-प्रकाष तिन्दा पीयाषे खे चंमम्कों थिया; अरह् छ़ैल़्टे का त्तेज-प्रकाष तेसी नंगर दा दिवें जेष्णाँ चंमम्कों।