33 जे ऐजा आदमी पंण्मिश्वर की तरफ शा ने आऐ रंई हंदी, तअ से ऐजो किऐ भे ने कंरी सको थिया”;
33 जै ऐजा आदमी पौरमेशवर कै ढौबौशा नी हौंदा तौ किछै बै ना कौरे सौकदा थिया।”
से रात्ती के बख्ते प्रभू यीशू कैई आया, अरह् तेने बुलो, “हे रब्बी (हे गुरू जी!) आँमें जाँणों ऐ; के तुँऐं पंण्मिश्वर के बंणाँऐ अंदे गुरू असो! किन्देंखे के तुऐं जुण्जे भे चींह्न-चम्त्तकार देखाँव, तिनू कोऐं भे आदमी ताँव तोड़ी ने देखाऐ सक्दा; जाँव तोड़ी के पंण्मिश्वर तेस्की गंईलो ने हों।”
ईन्दे गाशी किऐ यहूदी भाट-बाँम्णें ऐं बुलो, “सेजा आदमी पंण्मिश्वर की ढबे शा ने आऐ रंई; किन्देंखे के से बिषाँव के देसो का किऐ भे पाल़्ण ने करदा।” अरह् किऐ लोगे ऐ बुलो, “तअ तबे पापी आदमी ऐष्णें चींह्न-चंम्त्तकार किऐ-किऐ देखाऐ सको?” तबे ईयों बातो लई तिनू सोभी लोगो मुँझी भेद्-भाव लई फूट पड़ी।
ऐष्णों कोद्दी ज़ूगौ शो ऊँबो शुँण्णों मुँझी ने आऐ रंई, के कुँणिऐं पेट-आँदें की आखी खुली, अरह् जिनू आँखी दे कुँऐ पड़ी रूऐ थिऐ, तिनू आखी दे रोष्णीं पाऐ;